ग्वालियर
बस नहीं आने से बारातियों के सामने झेली बेइज्जती, फोरम ने सुनाई ऐसी सजा
लड़की वालों ने भी मजाक उड़ाया। इससे परिवादी की सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। ग्वालियर। बुकिंग के बाद भी बारात के लिए बस नहीं भेजने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने अशोक ट्रेवल्स कंपू पर 34 हजार 300 रुपए का जुर्माना लगाया है। यह राशि 8 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करनी होगी। पीड़ित 50 की जगह सिर्फ 36 ही बाराती ले जा सका था। इसमें उसके ज्यादा पैसे खर्च हुए। परिवादी को यहां बस नहीं पहुंचने पर बाराती व रिश्तेदारों के यहां बेइज्जत होना पड़ा था। लड़की वालों ने भी उनका मजाक उड़ाया था। नरहरि चतुर्वेदी के पुत्र अंकित चतुर्वेदी का विवाह 25 जनवरी 2019 को तय हुआ था। ग्वालियर से गंगापुर राजस्थान के लिए बारात ले जानी थी। उन्होंने अशोक ट्रेवल्स कंपू के यहां 5 हजार रुपए देकर 21 अक्टूबर 2018 को बस बुक की थी। इस बस में 50 बारातियों को ले जाना था। 25 जनवरी 2019 को सुबह 8 बजे बस उनके घर पर आनी थी, लेकिन बस नहीं आई। जो नंबर दिए थे, उन पर फोन लगाते रहे। लेकिन ट्रेवल्स एजेंसी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। दोपहर 12 बजे तक बस का इंतजार किया। जब बस नहीं आई तो 12 सीटर टैंपो ट्रेक्स गाड़ी की। दो छोटे वाहन किराए पर लेने पड़े।
इससे परिवादी को काफी पैसा खर्च करना पड़ा। बारात में 50 लोगों को ले जाना था, लेकिन छोटे वाहनों में 36 लोगों को ही ले जा सके। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि बस नहीं आने की वजह से रिश्तेदार व बारातियों के सामने बेइज्जती का सामना करना पड़ा। लड़की वालों ने भी मजाक उड़ाया। इससे परिवादी की सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है।एजेंसी ने जवाब नहीं दिया तो एकपक्षीय फैसला सुनाया ट्रेवल्स एजेंसी की सेवा में त्रुटि है। परिवादी का पक्ष सुनने के बाद ट्रेवल्स एजेंसी को नोटिस जारी किया गया, लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। पक्ष पेश करने के लिए सूचना पत्र भी जारी किए।
ट्रेवल्स एजेंसी की ओर से जवाब नहीं आने की वजह से फोरम ने एक पक्षीय फैसला दिया है। फोरम ने आदेश दिया कि छोटे वाहनों को ले जाने पर जो पैसा खर्च किया है, उसका 33 हजार रुपए ट्रेवल्स एजेंसी 30 दिन में परिवादी को अदा करे। 1 हजार रुपए केस लड़ने के अदा करने होंगे।
शादी में बस के कारण बेइज्जती सहना पडी।